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पाली संत बालक दास जी की पार्थिक पंचतत्व में विलीन अंतिम दर्शन को उमड़े हजारों भक्त निकाली बैकुंठी नम आंखों से दी अंतिम विदाई।

पाली संत बालक दास जी की पार्थिक पंचतत्व में विलीन अंतिम दर्शन को उमड़े हजारों भक्त निकाली बैकुंठी नम आंखों से दी अंतिम विदाई।

राजपुरोहित समाज और जन-जन के आराध्य संत बालक दास महाराज के अंतिम दर्शन के लिए उनके आश्रम में रविवार को हजारों भक्त पहुंचे। संत के जयकारों से पूरा आश्रम गुज उठा ।संत के दर्शन के लिए यहां लंबी कतार लगी रही। इस दौरान संत की बैकुंठी निकाली गई। इसके बाद आश्रम परिसर में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें पंचतत्व में विलीन होते देखा हजारों भक्तों की आंखें नम हो गई। बता दे की पाली जिले के जोधपुर जालौर रोड पर उदरा गांव के निकट संत बालक दास का आश्रम स्थित है। इसकी जानकारी मिलने पर शनिवार को दिनभर भक्तों का आश्रम में पहुंचने लगे। ऐसे में अंतिम दर्शन के लिए संत की पार्थिक देह रखी गई।
शनिवार को संत के दर्शन कर भक्तों ने भजन भाव शुरू किया जो रविवार सुबह तक जारी रहा। भक्तों के पहुंचने पर रविवार सुबह करीब सवा नौ बजे आश्रम से संत बालक दास की बेकुठी निकाली गई। जिसमें सैकड़ो संत महात्मा और हजारों भक्त शामिल रहे।
आश्रम से रवाना होकर बेकुठी गरवलिया मोड होते हुए वापस आश्रम पहुंची। जहां आश्रम परिसर में राजपुरोहित समाज से बड़ी संख्या में भक्त और साधु संतों की मौजूदगी में संत बालक दास की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन की गई।
इस दौरान राजपुरोहित समाज के आसोतरा के गादी पति संत तुलसाराम महाराज, महंत निर्मल दास, महंत चम्पा पुरी,चेंडा महंत पदमाराम, शिकारपुरा आश्रम के संत मंगला महाराज, भावरी ठाकुरद्वारा मठ ज्ञान दास, खाकी अखाड़ा के अनेक साधु संत, पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, घिसुदास वैष्णव खारड़ा ,मदन सिंह, महावीर सिंह ,शीशुपाल सिंह ,हनुमान सिंह खाराबेरा, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा, रमेश परिहार सहित बड़ी संख्या में राजपुरोहित समाज सहित 36 कौम के भक्त मौजूद रहे।

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